वास्तु शास्त्र क्या है ?

नमस्कार दोस्तों वास्तु शास्त्र क्या है इसका जवाब यह है कि वास्तु शास्त्र यानी विज्ञान और शास्त्र का जो मेल है उसको वास्तु शास्त्र कहते हैं

जैसे हमें पता है इस धरती के दो ध्रुव होते है उत्तरी ध्रुव दक्षिणी ध्रुव, जैसे की लोह चुंबक में होता है, अगर हम चुंबक यानी (मैग्नेट) को हवा में लटकाएंगे तो यह उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव याने उत्तर और दक्षिण दिशा में स्थिर हो जाएगा बस इसी सिद्धांत पर विज्ञान और शास्त्र मिलकर वास्तु शास्त्र बनता है.

                 वास्तु में नेगेटिव और पॉजिटिव, नकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा का विचार किया जाता है. जैसे की विज्ञान में चुंबक नेगेटिव और पॉजिटिव याने की प्लस और माइनस होता है इसी तरह हमारे दैनिक जीवन में भी बैटरी यानी की सेल इसमें भी नेगेटिव पॉजिटिव प्वाइंट ऐसे अनेक उदाहरण है जो कि हमें नजर आती है हमारी बोलचाल के भाषा में हम हरदम एक कहावत कहते हैं कि सिक्के के दो पहलू होते हैं बस यही वस्तु में (नेगेटिव एनर्जी )नकारात्मक ऊर्जा (पॉजिटिव एनर्जी )सकारात्मक ऊर्जा इसका विचार कर हम अपने जीवन में धन, सुख, शांति ,खुशी ,समाधान कैसे पा सकते हैं इसका विचार कर इस ऊर्जा को एक्टिव किया जाता है इसी को वास्तु शास्त्र कहते हैं.

              वास्तु शास्त्र को तथा इसके उपायों को अपनाकर हम अपने जीवन में प्रगति तथा सुख समाधान पा सकते है. जरूरी नहीं की वास्तु शास्त्र तोड़ फोड़ से ही संभव है बल्कि इस में कुछ सुधारना एवम उपाय योजना तथा फेंगशुई के उपाय से हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते है. 

              दोस्तों मुख्यतः वास्तु शास्त्र में मुख्य चार दिशाएं उसकी उप,चार दिशा ऐसी आठ दिशाओं का अभ्यास किया जाता है यह आठ दिशाओं में मिलकर 16 एलिमेंट बनते हैं उसमे अलग-अलग टाइप के एलिमेंट होते हैं जिसमें कि हम कुछ वस्तुएं रखकर या कुछ प्रतीक रखकर अपने वास्तु को सुधार सकते हैं,

              जैसा कि अगर आपका बच्चा पढ़ाई करते टाइम बार-बार टीवी मोबाइल खेल दोस्त यह  उसके दिमाग में आता है तो यह समझ लीजिए कि आपका दक्षिण पश्चिम यानी की नैरूत्य दिशा के साइड में यह सब एलिमेंट टीवी वीडियो गेम, खेल में उपयोग होने वाले सामान जैसे कि बैट बॉल और भी अलग-अलग बैडमिंटन वगैरा यह रखा होगा, इस कारण बच्चे का बार-बार खेल में या तो टीवी और कार्टून देखने में ज्यादा मन करता है आप उसे दिशा में अगर बच्चे की पढ़ाई की किताबें रखते हैं तो आप देखेंगे कुछ ही सप्ताह में बच्चे का दिमाग पढ़ाई में लगना चालू हो जाएगा इस तरीके से अलग-अलग उपाय कर कर हम अपनी जिंदगी में कुछ सुधार ला सकते हैं 

                 जैसा कि हम देखते हैं आज की भी टाइम में भी नई जनरेशन में भी वास्तु शास्त्र के बारे में बहुत कुछ जानने की प्रबल इच्छा होती है हम अपने आजू-बाजू के परिसर में देखते हैं नई बनने वाली बिल्डिंग, इमारत , फैक्ट्री ,या मंदिर यह सब वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाई जा रही है

और आप भी अगर अपने आसपास गौर फरमाएंगे तो आप भी जरूर जान लेंगे कि हमारे आसपास की कई लोगों ने इन वास्तु शास्त्र का उपयोग किया है अपने घर ऑफिस और चीजों को बनाने में और हम देखते हैं कि वह लोग बाकी लोगों से ज्यादा सफल है यहां तक कि हमारे भारत की नई संसद यह भी वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाई गई है.




यहां उन प्रसिद्ध व्यक्तियों की टिप्पणियां हैं जिन्होंने वास्तु शास्त्र में अपनी आस्था व्यक्त की है:

1. अमिताभ बच्चन (अभिनेता)

  • “मैं वास्तु शास्त्र और इसकी ऊर्जा में विश्वास करता हूँ। ऊर्जा का सही संतुलन किसी स्थान की शांति और सामंजस्य के लिए आवश्यक है। मैंने व्यक्तिगत रूप से इसका अंतर अनुभव किया है।”

2. शिल्पा शेट्टी कुंद्रा (अभिनेत्री और उद्यमी)

  • “हमारा घर वास्तु सिद्धांतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मुझे पूरी तरह से विश्वास है कि घर में ऊर्जा का संतुलन बनाना जरूरी है, जिससे परिवार में शांति बनी रहती है।”

3. मुकेश अंबानी (उद्योगपति, रिलायंस इंडस्ट्रीज)

  • “हमारा घर ‘एंटीलिया’ वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करते हुए डिज़ाइन किया गया है। मैं ऊर्जा के संतुलन और इसके समृद्धि और खुशी पर पड़ने वाले प्रभाव में विश्वास करता हूँ।”

4. ऐश्वर्या राय बच्चन (अभिनेत्री और पूर्व मिस वर्ल्ड)

  • “वास्तु शास्त्र हमेशा से मेरे विश्वास का हिस्सा रहा है। मुझे लगता है कि यह घर और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने में मदद करता है।”

5. सचिन तेंदुलकर (क्रिकेट लीजेंड)

  • “मुझे वास्तु शास्त्र और इसके दिशानिर्देशों पर भरोसा है, जो मेरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाते हैं। यह मन की शांति लाता है।”

6. अनिल अंबानी (उद्योगपति, रिलायंस ग्रुप)

  • “मैं वास्तु का सम्मान करता हूँ और मैंने इसे विभिन्न संपत्तियों में लागू किया है। मुझे विश्वास है कि वास्तु से स्थान में ऊर्जा का प्रवाह सही हो जाता है।”

7. अनुपम खेर (अभिनेता)

  • “वास्तु शास्त्र सिर्फ आस्था नहीं है, यह एक विज्ञान है जिसने मेरे जीवन और कार्यक्षेत्रों में ऊर्जा और वातावरण को आकार देने में मदद की है।”

8. ऋतिक रोशन (अभिनेता)

  • “घर एक शांति का स्थान होना चाहिए, और मैं अपने व्यक्तिगत स्थान में संतुलन बनाने के लिए वास्तु शास्त्र पर भरोसा करता हूँ। यह एक दर्शन है जिसमें मैं विश्वास करता हूँ।”

9. दीपक चोपड़ा (लेखक और वेलनेस एडवोकेट)

  • “वास्तु शास्त्र, फेंग शुई की तरह, कल्याण पर गहरा प्रभाव डालता है। यह स्थान और ऊर्जा को सामंजस्य और स्वास्थ्य के लिए संरेखित करता है।”

10. रतन टाटा (उद्योगपति, टाटा समूह)

  • “मैं वास्तु शास्त्र का सम्मान करता हूँ और हमारे संपत्तियों में इसके सिद्धांतों को शामिल किया है। यह सफलता और खुशी के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाता है।”

ये टिप्पणियाँ दर्शाती हैं कि कई प्रसिद्ध हस्तियां अपने घरों और कार्यक्षेत्रों में वास्तु शास्त्र के माध्यम से शांति, ऊर्जा और समृद्धि प्राप्त करने पर विश्वास करती हैं।



वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित कई ऐतिहासिक इमारतें और स्मारक हैं, जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण हैं। आइए कुछ प्रमुख उदाहरणों पर नज़र डालते हैं:

भारत में:

  1. ताजमहल, आगरा
    ताजमहल को वास्तु शास्त्र के कई सिद्धांतों का पालन करते हुए बनाया गया है। इसका प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की ओर है, जो शुभ माना जाता है, और मुख्य भवन का केंद्र अत्यधिक संतुलित है। यह सटीक दिशा और स्थान के सिद्धांतों पर आधारित है।
  2. लाल किला, दिल्ली
    लाल किला वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाया गया है। इसका मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व दिशा में है, जो सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक है। इसके अलावा, किले का पूरा डिज़ाइन समरूपता और संतुलन पर आधारित है।
  3. मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
    इस मंदिर का निर्माण वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करते हुए किया गया है। मंदिर का लेआउट पूरी तरह से ऊर्जा संतुलन और दिशाओं के सिद्धांतों पर आधारित है।
  4. बृहदीश्वर मंदिर, तंजावुर
    यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा मंदिर है और इसका निर्माण भी वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार किया गया है। मंदिर का मुख उत्तर की ओर है, और इसका मुख्य शिखर सटीक अनुपातों के साथ बनाया गया है।

विदेशों में:

  1. अंगकोर वाट, कंबोडिया
    अंगकोर वाट का मंदिर परिसर वास्तु शास्त्र के कई सिद्धांतों पर आधारित है। इसका निर्माण इस प्रकार किया गया है कि यह चारों दिशाओं से संतुलित है और इसमें दिशाओं के अनुसार भवनों का उचित स्थान है।
  2. वाट अरुण, थाईलैंड
    यह मंदिर वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों पर आधारित है, विशेष रूप से दिशाओं और ऊर्जा संतुलन के हिसाब से। इसका मुख्य टॉवर पूर्व की ओर है, जो शुभ माना जाता है।
  3. श्वेडगॉन पगोडा, म्यांमार
    इस पगोडा का डिज़ाइन भी वास्तु शास्त्र से प्रभावित है। इसका आकार और दिशा इस प्रकार से बनाए गए हैं कि यह सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सके।

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