घर के लिए कैसी जमीन (भूखंड) खरीदनी चाहिए जिस से खुशहाली बनी रहे – Ghar ke liye kaisi jamin kharidni chaiye


image showing the plots and space for houses जमीन का टुकड़ा जो की घर की जगह दिखा रहा है

मित्रो हर व्यक्ति का एक सपना होता है की मेरा खुद का घर हो जिसमे मैं और मेरा परिवार खुश ,सुख ,समाधान से रह सके और मेरी तथा मेरे परिवार की उन्नति हो सके प्रत्येक व्यक्ति इसके लिए अथक मेहनत और प्रयत्न करता रहता है

मित्रो घर बनाने के लिए हमे भूखंड खरीदना होता है वह भूखंड कैसा हो और उसपे किस तरह वास्तु निर्माण करे यह हमारे शास्त्रों में उल्लेखित है तो मित्रो आप भूखंड खरीदते वक्त किन बातों का ख्याल रखे वह बता रहे है घर

१) भूखंड खरीदते वक्त भूखंड चौरस या चौकोंन होना चाहिए अब चौरस याने कैसा जिसकी छोटी दो भुजाओं का लंबाई सरीखी और बड़ी दो भुजाओं की लंबाई सरीखी हो जैसे की हमारे लिखने में काम आने वाला कॉपी ,या रजिस्टर होता है चौकोन याने जिसकी चारो भुजाएं एक जैसी होती है यह भूखंड वास्तु या घर बनाने के लिए वास्तु शास्त्र में उत्तम मानी गई है

परंतु आज के वक्त शहरीकरण के वजह से मन मुताबिक या जगह के कमी के कारण ,या महंगाई के कारण हर एक को ऐसा भूखंड मिल नही पाता है अगर इसके अलावा भी हमारे मन मुताबिक भूखंड नही मिल रहा है तो भी हम अन्य भूखंड पर वास्तु वास्तु निर्माण कर सकते है वास्तु निर्माण करते वक्त किसी जानकार की सलाह ली जा सकती है वास्तु शास्त्र में शास्त्र और विज्ञान का विचार कर के नियम और उपाय बताए गए है जिसको अपनाकर हम शुभ फल प्राप्त कर सकते है ।


२)
घर वास्तु निर्माण के लिए भूखंड खरीदते वक्त कोनसा भूखंड हमे अनुकूल होंगा ?

वास्तु निर्माण के लिए भूखंड खरीदते वक्त उस भूखंड के मध्य में २×२का चौकोन् गड्ढा कर के उसको फिर उसी मिट्टी से पूरी तरह भरकर देखा जाता है जिस भूखंड में खोदे हुवे गड्डे की मिट्टीसे गड्ढा पूरी तरह भरकर समतल होने के बाद भी कुछ मिट्टी बच जाती है वह भूखंड की भूमि भूमिमालिक को धनवान ,और सर्वोत्तम परिणाम देने वाली होती है जिस भूमि में गड्डे की मिट्टी पूरी तरह भरकर समतल हो जाती है और मिट्टी नही बचाती है ऐसी भूमि शुभ और वास्तु निर्माण के लिए साधारण मानी जाती है

ऐसे भूमि मालिक को न तो नुकसान होता है ऐसा भूखंड हम वास्तु निर्माण के लिए उपयोग में ला सकते है जिस भूखंड में गड्डे की मिट्टी गड्ढा भरने के लिए कम जाती है ऐसे भूखंड को वास्तु निर्माण के लिए उपयोग में लेने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसी भूमि वास्तु में रहने वाले को सुख ,समृद्धि के लिए कड़ी मेहनत और प्रयास करने पड़ते है फिर भी ऐसी भूमि पर वास्तु निर्माण करना ही है तो किसी वास्तु जानकार की सलाह ले ली जाए तो इस भूमि पर भी वास्तु निर्माण कराया जा सकता है। घर

वास्तु निर्माण के लिए भूखंड अगर असमान हो तो उस भूखंड की चारो भुजाएं समान कर के उसके उपरांत वास्तु निर्माण कराया जा सकता है वास्तु निर्माण करने वाले भूखंड के पूर्व और उत्तर में रास्ता हो तो वह भूखंड अतिउत्तम माना जाता है। भूखंड के उत्तर से पानी का बहाव ,या पानी हो तो उस भूखंड को भी शुभ माना जाता है।

भूखंड अगर समतल न हो तो उसे पहले समतल कर लेना चाहिए वास्तु निर्माण करते वक्त वास्तु के १६ पदो का विचार करके के नई वास्तु निर्माण से वास्तु में रहने वास करे वाले व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होता है वास्तु के लिए भूखंड ५ भुजाओं वाला ६ भुजाओं वाला ,या अष्ट कोनी इसी प्रकार सिंह मुखी, गौ मुखी न हो तो बेहतर होता है

अगर मजबूरी वश अगर ऐसे भूखंड पर वास्तु निर्माण करना ही है तो किसी अच्छे वास्तु जानकार का परामर्श अवस्य ले लेना चाहिए ऐसे भूखंड को वास्तु शास्त्र में अलग अलग नामो से जाना जाता है और इसे भूखंड पर वास्तु निर्माण के लिए अलग अलग उपाय भी वास्तु शास्त्र में बताए गए है जिसकी अपनाकर हम उस भूखंड पर वास्तु निर्माण कर सकते है

जिस भूखंड की मिट्टी काली होती है वह भूखंड साधारण मानी जाती है जिस भूखंड में लाल मिट्टी पाई जाती है वह शुभ और जिस भूखंड में पत्थर , गोटे, मानव या जानवरो के कंकाल ,नकारात्मक ऊर्जा का एहसास ,
या अवशेष पाए जाते है ऐसे भूखंड पर वास्तु निर्माण करने से बचना चाहिए

प्रत्येक मनुष्य के जीवन मे खुदका घर का सपना होता है हम जिस भी वास्तु में रहते है उस वास्तु में हमे शांति,खुशी,समाधान ,और सफलता मिलती रहे हमारी हमारे बच्चे की प्रगति होती रहे यह हर व्यक्ति की कामना होती है

इन सब का उपाय एवं नियम हमारे शास्त्रों में उल्लेखित किया गया है अगर हम नया वास्तु निर्माण कर रहे है तो इस उपाय और नियम को अपना कर इसका शुभ फल प्राप्त कर सकते है परंतु अगर हमारा वास्तु निर्माण पूर्ण ,या जूना हो चुका है तो भी हम बिना तोड़ फोड़ किए कुछ उपायों को और रेमीडिज को उपयोग में लाकर मन चाहा परिणाम पा सकते है

जिसको अपनाकर कई लोगो ने सकारात्मक परिणाम पाया है और जीवन बेहतर कर सकते है वास्तु शास्त्र में हम वास्तु जिस भूमि पर निर्माण करना है उस भूमि का तथा आजू बाजू के परिसर का भी विचार करते है जैसा कि हमने पहले ही बताया था की वास्तु शास्त्र घर के बाहर ८०%और घर के भीतर २०%होता है जिसका हम आगे विचार करेंगे यह सभी जानकारी वास्तु शास्त्र और निर्माण शास्त्र पर आधारित है
🚩🚩ll जय श्री कृष्ण ll 🚩🚩


दीपक से भूमि परीक्षण कैसे करे

दीपक से भी भूमि परीक्षण किया जा सकता है. इसके लिए एक हाथ गहरा गड्ढ़ा खोदकर उसे सब ओर से अच्छी तरह लीप- पोत कर स्वच्छ कर दें. फिर एक कच्चे दीपक में घी भरकर चारों दिशाओं की ओर मुह करती चार बत्तियां जलाकर उसमें रख दें. फिर दीपक को उस गड्ढ़े में रख दें.

यदि पूर्व दिशा की बत्ती लंबे समय तक जले तो उसे ब्राह्मण के लिए शुभ माना जाएगा. इसी तरह उत्तर दिशा की बत्ती क्षत्रिय, पश्चिम की बत्ती वैश्य और दक्षिण दिशा की बत्ती लंबे समय तक जले तो जमीन को शुद्र के लिए शुभ समझना चाहिए. यदि यह वास्तु दीपक चारों दिशाओं में जलता रहे तो वह भूमि सभी वर्णों के लिए शुभ समझनी चाहिए.

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